भारत का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली (Diwali 2025 Kab Hai) हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 2025 में दीवाली 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी।
इस गणना के अनुसार, दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
दीवाली की शाम को लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी घर-घर भ्रमण करती हैं और जो भक्त शुद्ध मन से पूजा करते हैं उनके घर सुख, समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।
इस अवधि में पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति प्रदोष काल में लक्ष्मी और गणेश जी की आराधना करता है, उसके जीवन से दरिद्रता सदा के लिए दूर हो जाती है।
दीपावली की पूजा विधि घर के वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। नीचे दी गई पूजा प्रक्रिया (Step by Step) को अपनाकर आप भी शुभ लाभ पा सकते हैं।
दीवाली के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और पूरे घर की साफ-सफाई करें। घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
चौकी पर चावल का आसन बनाकर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें।
चौकी के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
कलश में सिक्का, सुपारी और हल्दी डालें।
उस पर आम के पत्ते लगाकर नारियल रखें और कलश को तिलक करें।
घी या तेल का अखंड दीपक जलाएं।
फूल, माला, इत्र, धूप और मिठाई अर्पित करें।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, फिर मां लक्ष्मी की आराधना करें।
दोनों देवताओं की आरती करें और खील-बताशे, गन्ना, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
पूजन के बाद घर के हर कोने, दरवाजे और आंगन में दीपक जलाएं।
पूजा में सही सामग्री (Samagri) का उपयोग करना शुभ फल देता है। नीचे दी गई सूची आपकी तैयारी को आसान बनाएगी —
पूजन सामग्री | उपयोग |
---|---|
भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति | मुख्य पूजा के लिए |
लाल या पीला कपड़ा | चौकी बिछाने के लिए |
शुद्ध जल / गंगाजल | पवित्रीकरण हेतु |
पंचामृत | स्नान व अभिषेक के लिए |
हल्दी, कुमकुम, अक्षत | तिलक और पूजा के लिए |
फूल, माला, इत्र | अर्पण हेतु |
सुपारी, लौंग, इलायची | शुभ प्रतीक |
खील, बताशे, गन्ना, फल, मिठाई | भोग हेतु |
चांदी के सिक्के | धन का प्रतीक |
मिट्टी के दीये, तेल/घी | दीपदान के लिए |
कलश, नारियल, आम के पत्ते | शुभ स्थापना हेतु |
दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। यह त्योहार हर व्यक्ति के जीवन में नई शुरुआत और आशा लेकर आता है।
दीवाली को धन और समृद्धि का पर्व भी कहा जाता है।
इस दिन निवेश करना, नया व्यवसाय शुरू करना या सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।
कहा जाता है कि यदि आप सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
आधुनिक समय में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए ग्रीन दीवाली मनाना आवश्यक है।
इस तरह आप एक सकारात्मक, स्वच्छ और शांतिपूर्ण दीवाली 2025 मना सकते हैं।
पर्व | तिथि (2025) | दिन |
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धनतेरस | 18 अक्टूबर | शनिवार |
नारक चतुर्दशी | 19 अक्टूबर | रविवार |
दीपावली / लक्ष्मी पूजा | 20 अक्टूबर | सोमवार |
गोवर्धन पूजा | 21 अक्टूबर | मंगलवार |
भैया दूज | 22 अक्टूबर | बुधवार |
दीवाली 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, प्रकाश और नई शुरुआत का प्रतीक है।
इस दिन जब पूरा भारत दीपों से जगमगा उठता है, तब हर घर में प्रेम, उमंग और शांति का वातावरण फैल जाता है।
आप भी इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 को मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा कर अपने जीवन में खुशहाली, समृद्धि और सफलता का दीप जलाएं।
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शुभ दीपावली 2025!